26 अप्रैल 2011

सेवा, पैसा और अब खौफ!

हर हाल में धर्मान्तरण को बेताब है चर्च !!
हमारी ईसाई मिशनरीज को भी दाद देनी पड़ेगी. कभी सेवा का चोगा पहनकर, कभी NGO  को हथियार बनाकर तो कभी नक्सलियों के साथ हथियारबद्ध होकर तो कभी बेनी हिन् जैसे नौटंकी जादूगर की बंगलोर में विशाल चंगाई सभा करवाकर धर्मान्तरण करने को उतारू रहने वाले चर्च की करतूते हमेशा नायाब रहती हैं! तरीका चाहे जैसा भी हो, चाहे मानवीय या दानवीय हो,  भारत में उसका एक ही लक्ष्य है ज्यादा से ज्यादा हिन्दुओं को ईसाई बनाना.

जिस तरह MNC (कम्पनियाँ) अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए हमेशा नई-नई स्कीमे पेश करती है, सेल लगाती  है बड़े-बड़े डिस्काउंट का झांसा देती है. और घटिया व महँगा होने के बावजूद भोले-भाले लोग फंस जाते है,  ठीक वैसे ही भारतीय चर्च और मिशनरीज अलग-अलग रूपों और 'उपायों' के जरिए 'परमेश्वर ईशू' की मार्केटिंग में सतत आगे रहते है. इस बार भोले-भाले लोगो को प्रभू ईशू की शरण में लाने के लिए उसने हथियार बनाया है 'खौफ' को !!

भारत में चर्च का एक नया शफूगा है- 'जजमेंट डे' यानी 'क़यामत का दिन' या 'न्याय का दिन'.  सात समंदर पार किसी सिरफिरे मिशनरी प्रचारक ने जब से 'पवित्र बाइबल' का हवाला देकर २१ मई को धरती के विनाश की खबर फैलाई है. हमारा TRP का भूखा मीडिया उसे महिमा मंडित करते हुए मुफ्त में प्रचारित कर रहा है.  इस बात और विचार पर बिना कोई सवाल दागे!! लगे हाथ भारतीय चर्च इस धर्मान्तरण के 'सुनहरे मौके' को गंवाना नहीं चाहता!

जिस तरह दक्षिण भारत में सुनामी के हादसे के शिकार मजबूर लोगो के बीच 'धर्मांतरण का सुनहरा अवसर' देखने में हमारा चर्च बेताब हुआ था, वैसे ही इस 'क़यामत के दिन' को भुनाने में भी वह नहीं चूक रहा है. और भारत के पीलीभीत, एटा, बिजनोर, दरभंगा, रीवा, क्योंझार और गोधरा सहित कई शहरों में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर लोगो में खौफ पैदा कर रहा है. यही नहीं, वह इससे बचने के लिए परमेश्वर  ईशू की शरण में आने के लिए 'आमंत्रित' कर रहा है. क्योंकि चर्च का हमेशा मानना है की प्रभू ईशू ही मुक्ति और रक्षण प्रदान करते हैं. और चारो तरफ ईशू का ही साम्राज्य होना चाहिए.
जाहिर है इस खौफ के चलते लाख दो लाख हिन्दू फंस जाए और ईसाई बन जाए, तो कोई हैरत की बात नहीं. क्योंकि भारतीय जनमानस हमेशा चमत्कारों के पीछे भागता रहा है. मजे की बात है कि कानूनी दांव-पेंचो से बचने के लिए इन होर्डिंग्स पर क़यामत के दिन के खौफ के साथ ही परमेश्वर ईशू की मार्केटिंग की है. लेकिन इसे जारी करनेवाले का नाम नहीं लिखा है. सिर्फ www.familyradio.com का ही नाम लिखा है. यानी कोई किसी पे उंगुली ना उठा सके और लोग खौफजदा होकर प्रभू ईशू की शरण में भी आ जाए. हमारी सुस्त पुलिस तीन-चार दिन बाद होश में आकर यह होर्डिंग हटा भी ले तो भी टार्गेट लोगो तक ईशू का सन्देश पहुँच जाएगा. 

हालांकि अभी तक पुलिस ने लोगो को डराने के इस पावन मिशनरी काम के लिए किसी को गिरफ्तार नहीं किया है. लेकिन अगर कर भी ले तो अधिकाँश राज्यों में पंगु धर्मांतरण कानूनों के चलते किसी भी दोषी मिशनरी का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है. अगर कोई पकड़ा भी गया तो ऊपर सर्वशक्तिमान सोनिया माई (सोनिया माइनों एंटानियो) है ही. जिसके सामने दंडवत प्रणाम करने को दसियों राज्यों के मुख्यमंत्री अपना गौरव महसूस करते हैं. अगर किसी पुलिस वाले ने होर्डिंगबाज मिशनरी को पकड़ भी लिया तो सोनिया के एक इशारे पर उसे छोड़ दिया जाएगा.


भारतीय चर्च के इस कारनामे को देखकर शायद 'प्रभू ईशू' भी रो रहे होंगे!

उड़ीसा के कंधमाल में वनवासियों की सेवा में ४० साल से समर्पित रहे स्वामी कृष्णा नन्द का मामला हमने देखा है. स्वामी जी चर्च के धर्मान्तरण अभियान में बाधक थे तो नक्सलियों के साथ हाथ मिलाकरचर्च ने उनकी और उनके अनुयाइयो की निर्मम ह्त्या कर दी थी. आज दिन तक किसी भी दोषी दरिन्दे को सजा नहीं हुई है..!! हमारे मीडिया को सिर्फ दारासिंह और हिन्दू संगठनो को गरियाना ही आता है.  आज भी देश के अधिकाँश हिस्सों में भोले-भाले दलितों, वनवासियों को सेवा के बहाने या डराकर ईसाई बनाने का धंधा जारी है. जहां-जहां नक्सल है वहां पर चर्च अपनी दूकान चलाता है. लेकिन क्या मजाल कि कोई प्रणव 'जेम्स', बुरका दत्त, राजदीप या तरुण तेजपाल कोई स्टिंग ओपरेशन करके चर्च को बेनकाब करे!

चित्र सौजन्य : 'फादर' गूगल 

5 टिप्‍पणियां:

Rakesh Singh - राकेश सिंह ने कहा…

धर्म परिवर्तन जैसे अपराध की भर्त्सना अवश्य की जानी चाहिए. मिसनरी की कारनामे तो हम देख ही रहे हैं. पर मुझे लगता है की दोषी अपने हिन्दू भी हैं, हम तो अपने में ही मशगुल और सोये हुए हैं. अब हिन्दू घोड़ा बेचकर सो रहा है तो चोर को चोरी का अच्छा मौक़ा मिल गया है. यदि हम पूर्ण सतर्क रहें तो चर्च को मौक़ा नहीं के बराबर मिलेगा ..

सूबेदार ने कहा…

मै ४ मई को राची से मुजफ्फरपुर आ रहा था मेरे बगल की वर्थ पर danvasko चर्च का राची और विहार का डाइरेक्टर बैठा था बात-चित में उसने बताया की राहुल गाधी द्वारा danvasko चर्च को पैसा मिलता है ,मिशनरी सेवा के नाम पर ब्यापार धर्म खरीद कर भारत को समाप्त करना ही लक्ष्य है उसमे सोनिया का पूरा सहयोग प्राप्त है.

दिवाकर मणि ने कहा…

ऐसे समाचार पढ़कर केवल अपना खून ही जलता है। इन मीडियाई भांडों, बिनब्याही मैरी से पैदा ईशु के नाजायज प्रचारकों, पाखंडी धर्मनिरपेक्षियों, मार्क्स-मैकाले नामक कुत्ते के दुमछल्ले मार्क्सवादी वेश्यापुत्रों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, उल्टे उन्हें अपना ध्येय प्राप्त करने के लिए और बल मिलता है।

Suresh Vyas ने कहा…

krupayaa shuddha hindi me likhe.

-suresh

सौरभ आत्रेय ने कहा…

सत्य वचन – विधर्मियों ने ऐसा कुचक्र फैलाया हुआ है – अपने सनातन धर्म से दूर अन्ध-विश्वास में लिप्त हिन्दुओं में से कुछ हर बार उनके जाल में फंस ही जाते है.

पता नहीं किस मानसिकता के लोग होते हैं ये- इनको ये सब करने में कौन सा सुख मिलता है – ईश्वर के नाम पर अपनी दूकान खोल कर बैठे हैं स्वयं भी भटके हुए हैं और बाकी सभी को भी भटकाने के प्रयास में लगे रहते हैं.

हिन्दुओं में भी अधिकतर स्वार्थी –चालबाज धूर्त लोग संत बनकर अपनी दूकान चला रहे हैं – जिनको राष्ट्र की ना चिंता है न सनातन धर्म की वो तो बस जादू-टोने की कपोल-कल्पित चमत्कारिक कहानिया बनाकर जनता को मुर्ख और कायर बनाने में लगे हुए हैं – जिससे देश सनातन विज्ञान से दूर होकर अन्धकार में जा रहा है. ये तथाकथित हिन्दू संत भी बीच-२ में जीसस और मोहम्मद का भी प्रचार करते हैं सबकी भलाई लेने के लिए और अपने विज्ञानरूप सनातन धर्म से विमुख हिन्दू इनकी और चर्चों की चालों में फंस जाता है. किसी विपदा है लोगो को भी असम्भव जादू-टोने भरी कहानियों में भी पूर्ण रस आता है.