कहाँ बोर्डर पार करे और कहाँ नहीं?
अगर आप गैर-कानूनी ढंग से उत्तरी कोरिया का बोर्डर पार करे तो १२ साल की सश्रम कारावास सजा मिलेगी.
अगर आप गैर-कानूनी ढंग से इरानी बोर्डर पार करेंगे आपको अनिश्चित अवधि तक जेल में बंद कर दिया जाएगा.
अगर आप गैर-कानूनी ढंग से अफगान बोर्डर पार करेंगे तो आपको गोली मार दी जाएगी.
अगर आप गैर-कानूनी ढंग से सउदी अरब बोर्डर पार करेंगे तो आपको जेल में ड़ाल दिया जाएगा.
अगर आप गैर-कानूनी ढंग से चीनी बोर्डर पार करेंगे तो आप फिर कभी नजर नहीं आएँगे.
अगर आप गैर-कानूनी ढंग से वेनेजुएला बोर्डर पार करेंगे तो आपको जासूस होने का चस्पा लगा दिया जाएगा, और फिर क्या होगा आपको मालुम है.
अगर आप गैर-कानूनी ढंग से क्यूबा का बोर्डर पार करेंगे तो आपको राजनीतिक शत्रु मानकर जेल में सड़ने के लिए ड़ाल दिया जाएगा.
अगर आप गैर-कानूनी ढंग से ब्रिटेन के बोर्डर को पार करेंगे तो आपको गिरफ्तार करके, मुकदमा चलाया जाएगा और फिर तडीपार किया जाएगा.
लेकिन..
अगर आप पाकिस्तानी या बांग्लादेशी हो और गैर-कानूनी ढंग से भारतीय सीमा में घुसे तो आपको यह नजराने मिलेंगे:
- राशन कार्ड
- पासपोर्ट (एक या अधिक)
- हज सबसिडी
- ड्राइविंग लायसेंस
- वोटर परिचय-पत्र
- नौकरी में आरक्षण
- बैंक लोन में आरक्षण
- अल्पसंख्यक (वोट बैंक) होने के नाते विशेष सुविधाएं
- क्रेडिट कार्ड
- रियायती किराया या घर खरीदने के लिए लोन
- मुफ्त शिक्षा
- मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं.
- आपकी चाकरी में सेकुलर मीडिया
- नई दिल्ली में आपकी पैरवी करने वाले वकील, मानवाधिकार वादी और सेलिब्रिटी.
- सेकुलरिज्म पर बड़ी-बड़ी बाते करने का हक, जो आपको अपने मुल्क में कभी ना मिला.
- और हाँ सबसे बड़ा हथियार---वोट डालने का अधिकार!
यानी जिस घुसपैठ के लिए दूसरे देशो में आपको कड़ी सजा मिलती है, उसी घुसपैठ के लिए भारत में सेकुलर नेता इनाम-इकराम की बरसात करते हैं!
भारत की सेकुलर राजनीति की जय हो!!
5 टिप्पणियां:
India Tourism वालों को इसे अपने विज्ञापन का मैटर बना लेना चाहिये.
बहुत अच्छी और तर्कपूर्ण ढंग से कही गयी बात आपने सबके सामने प्रस्तुत की, साधुवाद।
किन्तु इसका हिन्दीकरण करके परोसते तो और अच्छा होता और आपकी सृजनशीलता भी दिखती।
@ भाई अनुनाद जी, आपके कहे अनुसार मैंने इस आलेख को हिन्दी में अनुवादित कर दिया है. आपकी राय के लिए धन्यवाद. आशा है ऐसे ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे.
@ समीर साहब, आपने बिलकुल सही कहा, अब तो यही होना बाकी है. खैर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने साल भर पहले फरमाया था कि हमारे देश में 'अतिथी देवो भव' की परम्परा है. इसलिए पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठ की चिंता न करके उनका स्वागत करना चाहिए. कुछ साल पहले भारत में क्रिकेट मैच देखने आये पाकिस्तानी 'दर्शक' अभी तक लापता है. न जाने भारत में वो कहाँ गम हो गए? और देश के किसे कोने में कैसी-कैसी 'सेवाएं' दे रहे हैं?
sahi likha hai ji
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