बिहार में राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल में लोकतंत्र का गला घोंट देने वाले वरिष्ठ कोंग्रेसी नेता बूटा सिंह का साहबजादा स्वीटी उर्फ़ सोरबजीत सिंह रिश्वत लेते पकडा गया. वह नासिक के किसी फर्जी केस में आरोपी को बचाने के लिए करोडो रुपये ऐंठने की फिराक में था.
मामला ये था कि किसी तथाकथित ऊंची जाति के व्यापारी ने अपने तथाकथित नीची जाति के कर्मचारी को अपशब्द कह दिए हैं. सो 'नीची' जाति वाले ने 'ऊंची' जाति वाले अपने मालिक के खिलाफ केस ठोंक दिया. मामला अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के पास आ गया जिसके अध्यक्ष हैं माननीय बूटा सिंह जी. अब सामाजिक और सही न्याय तो एक तरफ, मामला सलटाने के लिए लोग उनके साहबजादे की दूकान पर नहीं तो और कहाँ जायेंगे? यही नहीं अपना सेकुलर-नंदन स्वीटी हवाला का कारोबारी भी निकला. बात यही नहीं रुकती, उनके घर पर छापे के दौरान घातक हथियार भी मिले.
आइये अब गौर करते हैं कि बूटा सिंह की पार्टी क्या कह रही है. उनकी पार्टी के युवराज राहुल बाबा अपने नेता के युवराज की इस करतूत पर मौन हैं. कलावती पर लंबा भाषण झाड़नेवाले राहुल बाबा अपनी ही पार्टी से जुड़े इस युवा कलाकार की कलाबाजी पर खामोश हैं. दलित के घर भोजन करने की नौटंकी करने वाले राहुल बाबा दलितों के लिए बने आयोग के मुखिया बूटा सिंह के घर में चल रहे दलित मामले को दबाने के छल पर भी खामोश हैं. दूसरी और कोंग्रेस पार्टी अपना पल्ला झाड़ते हुए कह रही है कि बूटा से हमारा कोई नाता नहीं है! अमां ऐसा है तो फिर आपने बूटा को आयोग का चेयरमेन कैसे बना दिया?
हम तो यही कहेंगे कि, भाई जनता को सेकुलर सरकार चाहिये तो सेकुलर नेताओं और उनके साहबजादो की भ्रष्ट करतूतों को तो झेलना ही पडेगा!! जय हो!!
1 टिप्पणी:
आखिर साहब जादे है कुछ भी कर सकते है और इन्होने तो बेचारे ने थोडी सी रिश्वत ही तो ली है उसमे भी इतना बबाल !
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