28 जुलाई 2009

वाह सेकुलर मीडिया!

बुर्का नारी हितैषी, करवा चौथ नारी विरोधी!

कुछ दिन पहले फ्रांस के मुखिया सरकोजी ने बुर्के पर पाबंदी लगा दी. इस पर कट्टर पंथी मुस्लिमों ने काफी हो-हल्ला मचाया. उनके साथ हमारी सेकुलर जमात भी राग अलापने लगी. सब जानते हैं कि अपनी पहचान और अपनी मजहबी अदब के विस्तार के लिए हाल ही के कुछ सालों में बुर्के का चलन (जबरन भी) बढ़ा है. किसी देश विशेष की सर्वमान्य पहचान और परम्पराओं से अलग अपनी पहचान स्थापित करने की प्रवृत्ति लगभग हर देश के मुस्लिम समाज में पनप रही है.

इस विषय पर सेकुलर चैनल एन डी टी वी चैनल सरकोजी को कटघरे में खडा करने की कोशिश कर रहा था. और अपरोक्ष रूप से व्यक्तिगत और धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर बुर्के को जायज ठहरा रहा था.

अब आपको एक और बात बताता हूँ. करीब दो साल पहले इसी एन डी टी वी पर करवा चौथ पर बहस छेड़ी गयी थी. और बार-बार करवा चौथ को नारी-विरोधी साबित करने की कोशिश की जा रही थी. हकीकत ये है कि आज तक दुनिया में ऐसा कोइ हिन्दू नहीं हुआ है जो जबरन अपनी पत्नी को करवा चौथ का व्रत कराए. न ही किसी नारी या नारीवादी संगठन ने करवा चौथ के खिलाफ कोई मोर्चा खोला. जबकि जबरन बुर्का ओढाने के कई वाकये दुनियाभर में हुए है. आप ही सोचिये कि, किसी भी पढी-लिखी औरत को बुर्का पहना कर पाबंदियां लाद देना क्या नारी-स्वतंत्रता का प्रतीक है? अपनी मर्जी से अपने पति की कुशल - क्षेम हेतु व्रत रखना क्या नारी-विरोधी है? लेकिन इस सेकुलर चैनल को न जाने क्यों करवा चौथ नारी विरोधी और बुर्का नारी हितैषी लग रहा है?

5 टिप्‍पणियां:

Rakesh Singh - राकेश सिंह ने कहा…

भाई साब (Nehru Dynasty TV) वाले तो ऐसे ही हैं | अब ये सम सबों को सोचना है की इस NDTV से निपटा कैसे जाए |

बेनामी ने कहा…

nice post and good effort keep working.

ASHWANI JAIN ने कहा…

gud work

Jayram Viplav ने कहा…

Dear!

I am highly impressed with the quintessential ideology and thoughts you have. Certainly you are a signature in the world of amateur journalists. My earnest regards and request for you to carry on with your writing. We need to come affront in order to mask off , so called intelligentsia of the day, as they are nothing but puppet in the hands of market driven and US monitored socio -cultural terrorism with effective control over political economy of mass media.

I request you to contribute with your say over the community blog

http://www.janokti.blogspot.com

उम्मीद ने कहा…

आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
लिखते रहिये
चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
गार्गी