पहली बात-
माना कि प्रशांत भूषण के साथ लात-घूंसो का बर्ताव हुआ वह निंदनीय है लेकिन--
क्या ये 'घूंसावादी' युवक उन 'बंदूकवादी' जेहादियो से ज्यादा हिंसक हैं , जिनकी 'फ़ईवादी' प्रशांत भूषण पैरवी करते हैं??दूसरी बात-
यह हमला अन्ना टीम के प्रशांत भूषण पर नही बल्कि 'पीयूसीएल' नामक देशद्रोही कथित मानवाधिकार वादी संगठन के पदाधिकारी प्रशांत भूषण पर हुआ है। इसलिए टीम अन्ना को बौखलाने की जरूरत नही है।
तीसरी बात--
क्या प्रशांत भूषण उन लाखो काश्मिरी हिंदुओं से माफी मांगेंगे, जिनकी धरती वो पाकिस्तान को सौंपने के लिए बेताब हैं। क्या वह भारतीय सेना और पुलिस बल से माफी मांगेंगे, जिन पर वह कश्मीर में जुल्म करने के आरोप लगाते हैं.
चौथी बात--
प्रशांत भूषण और टीम अन्ना के अन्य मेंबरान को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए जन समर्थन मिला था, कश्मीर पर बकने के लिए नही!!
पाँचवी बात--
अभिव्यक्ति की आजादी भूषण, अरुंधती और गिलानी जैसे गद्दारो को है तो देशभक्त सुब्रमनियम स्वामी के लिए क्यो नही?? जिनके एक लेख लिखने पर कॉंग्रेस सरकार के इशारो पे दिल्ली पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज कर दी। उनके घर पे गुंडो ने हमले किए। और उनकी तरफदारी के लिए कोई भी बुद्धिजीवी सामने नही आया। बिकाऊ मीडिया तो खबर देने को भी तैयार नही है। जबकि दिल्ली मे सरकार की नाक के नीचे देशविरोधी बकवास करने के बावजूद गिलानी, अरुंधती आदि के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई।
छठी बात--
क्या प्रशांत भूषण पर लात-घूंसे बरसानेवाले युवाओं को पैदा होने में खुद प्रशांत भूषण जैसे लोग, आतंकवादियों की तरफदारी करनेवाले कथित मानवाधिकारवादी, एकतरफा तोता रटंत करनेवाली मीडिया जिम्मेदार नहीं है? क्या कोंग्रेस- कम्युनिस्ट, लालू-मुलायम, पासवान-माया जैसी तुष्टिकरण करने वाली सेकुलर राजनीति नहीं है??
लिहाजा हम तो यही कहेंगे, की प्रशांत के साथ अशांत युवको ने जो किया वो गलत है, लेकिन इन युवाओं को अशांत करने के लिए प्रशांत ने जो पाकपरस्त बयान दिया वो इससे भी ज्यादा गलत था.
2 टिप्पणियां:
♥
निस्संदेह प्रशांत भूषण जी के साथ हुआ वह निंदनीय है लेकिन पाकपरस्त बयानबाजी इससे भी ज़्यादा ग़लत है ।
आपको सपरिवार त्यौंहारों के इस सीजन सहित दीपावली की अग्रिम बधाई-शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
आपको गोवर्धन व अन्नकूट पर्व की हार्दिक मंगल कामनाएं,
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