16 मार्च 2010

मीडिया को चर्च के पाप नहीं दिखते !


इसे चर्च का चतुर मीडिया मैनेजमेंट कहा जाए या भारतीय मीडिया का बिकाऊ चेहरा या फिर हिन्दुओं की उदासीनता जिसमे अपने खिलाफ फैलाए जा रहे कुचक्रो का भान नहीं है.

हमेशा ही हिन्दू संतो को लेकर सेकुलर मीडिया काफी  बवाल करता है. धर्म के पाखंडी किसी भी धर्म में हो उनका पर्दाफ़ाश और निंदा होनी चाहिए. लेकिन मीडिया और सेकुलरो की हिन्दू संतो को लेकर अति सक्रियता से प्रतीत होता है कि वह जान-बुझकर हिन्दू संत और सन्यासी परम्परा को बदनाम कर रहा है. कई मामलो में तो हमारा मीडिया मामले की छानबीन से पहले ही खुद जज की तरह एकतरफा फैसला दे देता है और संतो का चरित्रहनन करके और उनके खिलाफ माहौल बनाकर निष्पक्ष जांच को प्रभावित करने की चेष्टा करता है.

दूसरी तरफ वह ईसाई पादरियों और मौलवियों की करतूतों पर पर्दा डालने की हर मुमकीन कोशिश करता है और कई गंभीर खबरों को भी दबा देता है. कुछ समय पहले केरल के एक पादरी द्वारा एक नन के यौन शोषण की खबर आपको ढूंढें भी नहीं मिलेगी. इसी तरह मुम्बई और पुणे में चर्च के एक फादर अमोलिक ने करोडो -खरबों रुपये की चर्च की जमीन बिल्डरों को बेच दी लेकिन अधिकाँश मीडिया ने खबर दबा दी. हाल ही में ईसाइयों के मुख्यालय वैटिकन में वैश्यावृति और वह भी पुरुष वैश्यावृत्ति का मामला सामने आया है. जिसमे चर्च और वेटिकन के बड़े-बड़े दिग्गज लिप्त हैं. लेकिन सेकुलर मीडिया मौन है. आइये इस सम्बन्ध में बीबीसी पर छपी इस छोटी सी खबर पर नजर डालते हैं.

वैटिकन में पुरुष वेश्यावृत्ति का मामला
वैटिकन में धार्मिक संगीत मंडली के एक मुख्य गायक और पोप के एक सहयोगी को पुरुष वेश्यावृत्ति के आरोप में पद से बर्ख़ास्त कर दिया गया है.
गायक टॉमस हीएम पर पोप बेनेडिक्ट के एक सहयोगी एंजेलो बालडोची को यौन संबंध बनाने के लिए पुरुष यौनकर्मी मुहैया करवाने के आरोप हैं.
इन पुरुष यौनकर्मियों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पादरी भी शामिल बताए गए हैं.
वैटिकन का कहना है कि पोप को इन आरोपों के बारे में जानकारी है.
रोम के अख़बारों में ये ख़बर पहले पन्ने की सुर्ख़ियों में छपी है. कुछ अख़बारों ने इसे वैटिकन सेक्स स्कैंडल नाम दिया है.
रिपोर्टों के मुताबिक वैटिकन में धार्मिक संगीत की गायक मंडली के प्रमुख 29 वर्षीय टॉमस हीएम पोप के एक सहयोगी एंजेलो बालडोची के लिए एक पुरष वेश्या का इंतज़ाम कर रहे थे.
ग़ौरतलब है कि एंजेलो बालडोची जैंटलमैन ऑफ हिज़ होलीनैस के रूप में जाने जाते रहे हैं, जो वैटिकन में आने वाले विशिष्ट अतिथियों के स्वागत समारोह में पोप के आगे चलते थे.
पुलिस ने इन दोनों व्यक्तियों के बीच टेलिफोन पर हुई बातचीत को टैप करके इस रैकेट का भंडाफोड़ किया.
पुलिस भ्रष्टाचार के किसी अन्य मामले की जांच के लिए बालडोची के फोन को टैप कर रही थी तभी इस घोटाले का पर्दाफ़ाश हुआ.
मीडिया के हाथ लगी इस बातचीत से पता लगा कि टॉमस हीएम ने बालडोची को यौन संबंध बनाने के लिए कम से कम 10 पुरुषों से मिलवाया, जिनमें मॉडल और एक रगबी का खिलाड़ी भी शामिल है.
वैटिकन ने इन दोनों व्यक्तियों को पद से हटाए जाने की पुष्टि कर दी है.

2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

आपाकी बात विलकुल ठीक है ये मडीया विक चुका है मुसलिम आतंकवादियों व धर्मांतरण के ठेकेदारों के हाथों व एक रणनिती को तहत ये मिडीया भारतीय संस्कृति को हानि पहुंचा रहा है।जिसे पढ़े-लिखे लोग नहीं समझ पा रहे हैं तो आम आदमी क्या समझेगा। इसी दिसा में हमने एक प्रयास करते हुए एक पुस्तक लिखी है जो http://samrastamunch.spaces .live.com पर उपलब्ध है

Amit Sharma ने कहा…

मिडिया थोड़े ही है यह रंडीखाना बन गया है,जहां मिडियाकर्मी रूपी वेश्याये पैसे के इशारों पे नंगा नाच दिखा रहे है